Sunday, March 8, 2009

जीना है जिंदगी

हम सपने बहुत देखते हैं। शायद सभी देखते हैं। पत्रकारिता मे हैं। अचानक नहीं, सोच समझ कर आए हैं। लेकिन, कभी कभी लगता है की ग़लत पेशे मे आ गये। सपने देखते रहते हैं की समाज बदल देंगे। इस उम्मीद पर जिए जा रहे हैं। अब मन की बात आप तक पहुंचानी है। आप भी हमसे बात करते रहें। देखना है की हमारे सपने कब पूरे होते हैं। जिंदगी तो जीनी ही है। ऐसा प्यार किया नही, जिसमे जीने मरने के वादे करता। इसलिए मरने के बारे में कभी सोचा नही। इसका मतलन यह नही की हम प्यार में पड़ना नही चाहते थे। असल बात यह है की कोई मिली ही नही। यह भी मान सकते हैं की किसी को पटाने की योग्यता ही नही थी। लेकिन इन सबके बीच हमें फायदा भी हुआ। हम आराम से जीते रहे। प्यार का चक्कर नही चला तो एक दोस्ती ऐसी हुई, जो यादगार बन गई।