ham khud ko samajh rahe hain. shayad isme samay jyada lagaga. ho sakta hai ki samajh na bhi paoon. fir bhi koshish karta rahoonga. karibion ka sath bhi leta rahoonga.
Monday, February 16, 2009
सब आसान
जवानी के दिनों में सब कुछ आसान लगता है। लगता है कुछ भी कर जायेंगे। जरुरी होता है तय करना। तय हो जाय की क्या करना है तो कुछ न कुछ होता जरुर है। लेकिन जवानी के दिनों में तय करना सबसे मुश्किल कम होता है। शायद इसी लिए युवा लोग बिना सोचे भी बहुत कुछ कर जाते हैं। प्यार करना तो जवानी में सबसे बड़ा नेक काम माना जाता है। कुछ तो प्यार के चक्कर में पागल हो जाते हैं। कुछ पागल प्यार पाकर सुधर जाते हैं। कुछ ऐसे भी होते हैं जो प्यार की खातिर सब कुछ दांव पैर लगा देते हैं। लेकिन सब कुछ दांव पर लगाने वालों को दुनिया पागल कहती है। फ़िर भी प्यार में सब कुछ लुटा देने वालों की कमी नही। पहले भी लुटते रहे हैं। आगे भी लूटेंगे। दुनिया हँसे तो हंसती रहे।
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koi bat nahi. sab theek hi hita hai.
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