राखी सावंत जवान हैं। खूबसूरत शायद नहीं हैं। वे खुद भी कहती हैं कि मैं तो सेक्सी हूं। सेक्सी होने और खूबसूरत होने का अंतर शायद जवानी में ही पता चलता है। लेकिन, खूबसूरती की परिभाषा राखी शायद समझ भी नहीं सकती। उन्हें समझाया भी नहीं जा सकता। जो खूबसूरत होते हैं। उन्हें बताने की जरूरत नहीं होती। वे भीड़ में अलग ही दिखते हैं। राखी का चेहरा ऎसा है कि न तो वे लड़की लगती हैं। न ही वे महिलाओं जैसी नजर आती हैं। अच्छी प्रेमिका के गुण तो उनमें झलकते नहीं। अच्छी बीवी बनना वे कब सीखेंगी, पता नहीं।हम उनकी बुराई नहीं कर रहे। हम तो दिल की कह रहे हैं। राखी यदि खूबसूरत हैं तो गायत्री देवी कैसी थीं। राखी यदि सेक्सी हैं तो नरगिस कैसी थीं।लेकिन, राखी को कहना पड़ता है कि वे सेक्सी हैं। सेक्सी अपील उनके किस अंग में हैं। इसके लिए भी उन्हें अंग प्रदर्शन करना पड़ता है। बोलती तो राखी बिंदास ही है। इसी लिए वे अपने को बिंदास बाला भी कहलवाना पसंद करती हैं। अभिषेक अवस्थी से प्यार करती थीं। उनके साथ रहती भी थीं।
अब एनआरआई इलेस के साथ शादी की चर्च चल रही है। बिन ब्याही मां बनने की भी बात हो रही है। लेकिन, उनकी खूबसूरती और सेक्स अपील अभी न जाने कितने को दीवाना बनाएगी। कहने का मतलब यह है कि राखी सेक्स अपील और खूबसूरती को सरे बाजार बेचना जानती हैं। खरीदने वाले इतने ज्यादा हैं कि मोल तो लग ही जाता है। मोल लगाने वाले भी निराश नहीं होते। राखी बाजार को जानती हैं। बाजार राखी को जानता है। दोनों एक दूसरे को बेवकूफ समझ रहे हैं। बेवकूफ बना भी रहे हैं।

