Thursday, August 6, 2009

इंडिया में प्लेब्वॉय

वयस्कों की मशहूर पत्रिका प्लेब्वॉय के चहेते खुश हो सकते हैं। इसको बेचने वाले अब भारत में अपना बड़ा बाजार बनाना चाहते हैं। पत्रिका समूह इस ब्रांड के जूते चप्पल और अन्य सामान भी बेचेंगे। उम्मीद की जा सकती है कि प्लेब्वॉय ब्रांड भारत में खूब हिट होगा। जवानी दीवानी की कहावत कहीं और सही हो या न हो, भारत में तो खरी उतरती है।
यहां छुप—छुप कर जवानी की बारात जैसी फिल्में खूब देखी जाती हैं। ऎसे में नंग धडंग तस्वीरें छाप कर प्लेब्वॉय वाले यहां खूब नाम कमा सकते हैं।यह जरूर है कि प्लेब्वॉय से भी ज्यादा बोल्ड तस्वीरें भारत के पत्र पत्रिकाओं में छपती रही हैं। लेकिन, प्लब्वॉय का आकर्षण यहां के लोगों को ज्यादा खींचेगा। इसका मुख्यालय शिकागो में है। भारत में पुरूषों के लिए इत्र बेचने की शुरूआत तो इसने कर दी है। महिलाओं से जुड़े उत्पाद भी आने में देर नहीं लगने वाली। सवाल यह है कि भारत में इस तरह के ब्रांड को हिट कराने के लिए किसका सहारा लिया जाएगा।

पामेला एंडरसन जैसी सेक्स अपील किसमें खोजेंगे।अब भारतीय समाज में सीता, पार्वती की तस्वीरें कमरों में सजारे का जमाना रहा नहीं। या तो सचिन दिखेंगे या फिर मैडोना। सानिया मिर्जा दिखेगी या फिर एंजेलिना जोली। किसी भी देश का समाज तेजी से भागता है तो वह दूसरे देश की नकल करता है। इस चक्कर में उसे अपने में कमी दिखती है। सामने वाले में सबकुछ अच्छा ही झलकता है। कहने का मतलब यह नहीं है कि बदलाव गलत है। असल मुद्दा यह है कि अंधी दौड़ का बदलाव पीछे ही धकेलता है।

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