Saturday, January 8, 2011

तेरी आंखों

तेरी आंखों से दूर होकर भी
ऐसा लगता है, उनमें डूबा हूं
अपना अब तक मिलन तो हो न सका,
ये तो पिछले जनम का रिश्ता है,
तुमको देखे बिना न चैन मुझे,
तुमको देखूं भी तो करार नहीं,
मेरी चाहत तुम्हीं हो, पूजा हो,
कौन कहता है, तुमसे प्यार नहीं
कुंवर सलीम खान

No comments:

Post a Comment