Monday, June 22, 2009

पाक में मस्ती का मौका

आत्मघाती हमलों की पीड़ा से कराह रहे पाकिस्तान के लोगों के लिए कुछ पल खुशियों से भरे आए हैं। 20-20 विश्व कप जीत कर वहां की क्रिकेट टीम ने देशवासियों को आतंकी जख्मों को भुलाने का मौका दिया है। आम पाकिस्तानी खुश है। शायद सोच रहा होगा कि आतंकवाद के जख्म अब न मिलें। लोग मिठाइयां बांट रहे हैं। सड़कों पर डांस करने भी उतरे।
रावलपिंडी हो इस्लामाबाद। लाहौर हो या पेशावर। हजारों की भीड़ सड़क पर उतरी। लगा कि क्रिकेट विश्वकप नहीं कोई जंग जीत गए हों। लेकिन, पाकिस्तानी हुक्मरानों को कौन समझाए। वे तो सिर्फ भारत के साथ खूनी खेलने का दावा करके ही कुर्सी पर बने रहना चाहते हैं। वे बड़े शान से खून और लाश दिखाते हैं।
लाहौर में श्रीलंकाई क्रिकेट पर आतंकवादी हमला हुआ था। उसके बाद पाकिस्तान की छवि रसातल में पहुंच गई थी। क्रिकेट जगत कांप गया था। पाकिस्तानी जमीन क्रिकेट के लिए कलंकित हो गई थी। अब यहां के लोग मानते हैं कि विश्वकप जीतने से उनके देश की छवि जरूर सुधरेगी। सच भी है आतंकवादी कुछ लोग हैं। लेकिन, दुनिया को लगता है कि पूरा पाकिस्तान आतंकवादी है।

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